पेंच नेशनल पार्क | Pench National Park | Pench Tiger Reserve

 पेंच नेशनल पार्क | Pench National Park | Pench Tiger Reserve

पेंच नेशनल पार्क | Pench National Park | Pench Tiger Reserve

    पेंच नेशनल पार्क | Pench National Park

    वन्य जीवन से समृद्ध पेंच नेशनल पार्क सतपुड़ा पहाड़ियों के निचले दक्षिणी भाग में स्थित भारत का एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। इसे पेंच टाइगर रिजर्व और मोगली लैंड भी कहते है। पेंच टाइगर रिजर्व के वन क्षेत्रों का इतिहास गौरवशाली है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा इसे 1983 में नेशनल पार्क घोषित किया गया और बाघों की एक बड़ी मात्रा के कारण 1992 में इसे अधिकारिक रूप से भारत का उन्नीसवा टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। पेंच नेशनल पार्क कई तरह की वनस्पतियों और जीवों का घर है।  यह वन्य जीवन की एक महान विविधता का खजाना है।

    यह भारत के मध्यप्रदेश राज्‍य के मध्य में स्थित है। पेंच टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश के सिवनी और छिंदवाड़ा जिलों में है। इसका एक छोटा भाग महाराष्ट्र में भी आता है। पेंच नेशनल पार्क का नाम पेंच नदी के नाम पर रखा गया है। यह नदी उत्तर से दक्षिण की ओर बहते हुए इसे दो हिस्सों में विभाजित करती है। पेंच नदी यहां की लाइफलाइन मानी जाती हैं। टाइगर प्रोजेक्‍ट में शामिल इस पार्क का प्राथमिक उद्देश्‍य बाघों का संरक्षण हैं।

    पेंच नेशनल पार्क का कुल क्षेत्रफल 758 वर्ग किमी है। इस पार्क का 257 वर्ग किमी का क्षेत्र महाराष्ट्र में है। पेंच नेशनल पार्क वनस्पतियों और जीवों का खजाना हैं। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्धि का वर्णन कई प्रसिद्ध किताबों में भी किया गया हैं। इस जगह का उल्लेख महान रुडयार्ड किपलिंग द्वारा क्लासिक "द जंगल बुक" में किया गया है। 464 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को बफर क्षेत्र माना जाता है। 299 वर्ग किलोमीटर प्रियदर्शिनी पेंच राष्ट्रीय उद्यान और मोगली पेंच अभयारण्य द्वारा कवर किया गया है। पार्क और उसके आसपास लगभग 10 गाँव हैं। यहां मध्यप्रदेश और महाराष्‍ट्र से भी पहुँचा जा सकता है।

    पेंच नेशनल पार्क में जानवर

    पेंच नेशनल पार्क में कई शाकाहारी और मांसाहारी जानवर पाये जाते है। यहां पाये जाने वाले कुछ प्रमुख जानवर बंगाल टाइगर, लेपर्ड, बाघ, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, जंगली कुत्ता, लकड़बग्घा, सियार, लोमड़ी, भेड़िया, नेवला, गौर, नीलगाय, सांभर, चीतल, चौसिंगा हिरण, चिंकारा, भालू, जंगली सुअर आदि हैं। पेंच टाइगर रिजर्व में बाघों का दिखना आम बात है। जो कि पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

    पेंच नेशनल पार्क में पक्षी

    पेंच नेशनल पार्क में स्थित तोतलाडोह जलाशय के धूप वाले इलाकों में ठंड के मौसम में प्रवासी पक्षियों की भरमार देखने को मिलती है। इस टाइगर रिजर्व में साल के विभिन्न मौसमों में करीब 325 प्रजातियों के पक्षी भी देखे जा सकते हैं। कौवा, तीतर, मयूर, पिंटेल, लेसर व्हिसलिंग टील, इंडियन रोलर, वैग्टेल, मुनिया, वाटरफॉवल, ब्लू किंगफिशर, क्रिमसन-ब्रेस्टेड बारबेट, रेड-वेंटेड बुलबुल जैसे कई पक्षियों की प्रजातियां यहां पाई जाती है। उद्यान में पक्षियों का मधुर कलरव पर्यटकों को बांधें रखता हैं।

    पेंच नेशनल पार्क में पेंड़-पौधे

    कई दुर्लभ और लुप्त हो चुके पौधों के साथ-साथ कई औषधीय महत्व के पौधे की 1200 से अधिक प्रजातियां यहां पायी जाती है। पेंच राष्ट्रीय उद्यान में महुआ, सफेद कुल्लू, सलाई, साजा, बिजियासाल, धौरा, अमलतास, अचार, मोयन, तेंदू, पलाश, बेर जैसे कई अन्य पेंड़-पौधे पाये जाते है। कहुआ (अर्जुन), जमुना, गूलर और साजा नदियों के किनारे पाए जाते हैं। सागौन के जंगल लगभग एक चौथाई क्षेत्र में पाए जाते हैं। इस वन क्षेत्र में घास और बाँस की लगभग 82 प्रकार की प्रजातियाँ और झाड़ियों, बेलों, पेड़-पौधों, जड़ी-बूटीयों की अधिकता पाई जाती हैं। यह उद्यान पेड़ों के अलावा घास के मैदानों और पौधों से भरा हुआ है। 

    पेंच नेशनल पार्क कब घूमे

    यदि आप पेंच नेशनल पार्क जाने का सोच रहे है तो यह जान ले कि यह पार्क जुलाई, अगस्त और सितंबर में बंद रहता है। फिर यह 1 अक्टूबर से 30 जून तक सैलानियों के लिए खुलता है। इन तीन महीनो को छोड़कर आप कभी भी आ सकते हैं। हमारे अनुसार अक्‍टूबर से फरवरी का समय विजिट करने के लिए बेस्ट टाइम है।

    आप अपने परिवार के सदस्‍यों के साथ या दोस्‍तों के साथ पेंच नेशनल पार्क और टाइगर रिजर्व के आकर्षक स्थानों को देखने आ सकते हैं। यहां बाघो के साथ अन्‍य जानवरों का दिखना सफर को रोमांचित बना देता हैं। यहां जंगली जानवरों को उनके प्राकृतिक आवास में देखकर होने वाली खुशी को शब्‍दों में बयां नहीं किया जा सकता। यह टूर आपको प्रकृति के बीच ले जाता हैं। शहर के शोर और भागदौड भरी जिंदगी से दूर यह उद्यान आपको एक अलग अनुभव व शांति प्रदान करता हैं।

    यहां की खूबसूरत झीलें, ऊंचे पेड़, रंगबिरंगे पक्षियों का कलरव, शीतल हवा के झोंके, सोंधी-सोंधी महकती माटी, वन्य प्राणियों का अनूठा संसार पर्यटकों को यहां अत्‍यधिक आनंद प्रदान करता हैं। हमारी आपको यह सलाह है कि जब भी आप यहां आये या कहीं भी जाये तो स्‍वच्‍छता का ध्‍यान रखें। पानी की बोटल और कचरा कहीं भी न फेंके।

    पेंच नेशनल पार्क नियम

    • प्रत्येक पर्यटक वाहन के साथ अधिकृत पार्क गाइड लेना अनिवार्य है।
    • पार्क गाइड का पालन करना जरूरी है।
    • संरक्षित क्षेत्र के अंदर किसी भी वनोपज, पौधे या पशु वस्तु को उठाना प्रतिबंधित है।
    • कृपया वाहन से नीचे न उतरें, जब तक कि पार्क गाइड ने न कहा हो।
    • संरक्षित क्षेत्र में ट्रांजिस्टर, टेप-रिकॉर्डर या ब्लोइंग हॉर्न या इसी तरह के किसी भी उपकरण का उपयोग करके शोर करना प्रतिबंधित है।
    • संरक्षित क्षेत्र में जंगली जानवरों को छेड़ना, खिलाना या उनका पीछा करना प्रतिबंधित है।
    • पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक वाहन की गति सीमा 20 किमी प्रति घंटा है। तेज गति के मामले में, पार्क को सूचित करें।

    पेंच नेशनल पार्क के गेट

    मध्य प्रदेश की ओर स्थित पार्क के हिस्से में पर्यटन के उद्देश्य से 6 प्रवेश द्वार हैं। इनमें 3 गेट कोर जोन में हैं और 3 बफर जोन में हैं। कोर जोन में जामताड़ा, कर्मझिरी और तुरिया गेट हैं।

    तुरिया गेट- पेंच जंगल सफारी के लिए तुरिआ प्रवेश द्वार लोकप्रिय और सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला प्रवेश द्वार है। यह इलाका तेंदुए के देखे जाने के लिए जाना जाता है।

    महाराष्ट्र की ओर स्थित पार्क के हिस्से में पर्यटन के उद्देश्य से 7 प्रवेश द्वार हैं। इन द्वारों में से केवल दो द्वारों से अक्सर पहुँचा जाता है। यह दो गेट है खुरसापार गेट और
    सिलरी गेट।

    कैसे पहुँचे पेंच नेशनल पार्क

    सड़क द्वारा
    छिन्‍दवाड़ा, सिवनी या नागपुर से आप आसानी से पेंच नेशनल पार्क आ स‍कते हैं। इन सभी शहरों से बस, कैब या स्‍वयं के वा‍हन से यहां पहुंचा जा स‍कता हैं।
    नागपुर से आप खवासा सीमा (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र सीमा) तक पहुँच सकते हैं। यहाँ से, आपको तुरिआ प्रवेश द्वार तक पहुँचने के लिए वाहन लेने की आवश्यकता होगी। 
    सिवनी से खवासा और खवासा से तुरिया गेट से अंदर जाना पड़ता है। जो कि यहां से 12 किलोमीटर है।

    ट्रेन से
    ट्रेन से पेंच नेशनल पार्क पहुँचने के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन छिन्‍दवाड़ा, सिवनी और नागपुर शहर में है।

    हवाईजहाज से
    पेंच नेशनल पार्क बाय एयर आने के लिए नागपुर और जबलपुर एयरपोर्ट सबसे पास है। यहां से आप कैब, टैक्सी या बस के द्वारा पैच नेशनल पार्क आ सकते हैं।

    पेंच नेशनल पार्क में आवास उपलब्ध हैं। यहां सभी प्रकार के रिसॉर्ट, लॉज और निजी होटल भी मौजूद हैं। आप ऑनलाइन भी रूम की बुकिंग कर सकते हैं।

    प्रमुख शहरों से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की दूरी

    • छिन्‍दवाड़ा से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की दूरी -79 किमी
    • गोंदिया से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की दूरी - 99 किमी
    • भंडारा से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की दूरी - 162 किमी
    • नागपुर से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की दूरी - 167 KM
    • वर्धा से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की दूरी - 240 किमी
    • यवतमाल से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की दूरी - 313 किमी
    • अमरावती से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की दूरी - 333 किमी
    • अकोला से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की दूरी - 428 किमी
    • जलगांव से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की दूरी - 611 किमी
    • इंदौर से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की दूरी - 615 किमी
    • मुंबई से पेंच राष्ट्रीय उद्यान की दूरी - 1011 किमी

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