बड़ी अनहोनी छिंदवाड़ा
गर्म पानी कुंड | चर्म रोगों से मिलती है मुक्ति
भारत मे मध्यप्रदेश राज्य में दो अनहोनी हैं। एक बड़ी अनहोनी जो कि छिंदवाड़ा जिले में है। दूसरी छोटी अनहोनी जिला होशंगाबाद में है। छोटी अनहोनी में पानी थोड़ा कम गर्म है और बड़ी अनहोनी में पानी बहुत गर्म है। छिंदवाड़ा की हरी-भरी वादियों के बीच स्थित बड़ी अनहोनी सतपुड़ा के टाइगर रिजर्व क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यह अपने ऐसे रहस्य के कारण प्रसिद्ध है जिस पर एक बार में विश्वास कर पाना कठिन है, लेकिन यह सच है। अन्होनी में गर्म पानी वाला चमत्कारिक कुंड है, जो कि चर्म रोगों से मुक्ति दिलाता हैं। इस कुंड से वर्षभर धरती से उबलता हुआ पानी निकलता है।
अनहोनी छिंदवाड़ा
छिंदवाड़ा जिले के तामिया विकास खंड के झिरपा से कुछ दूरी पर अनहोनी ग्राम हैं। अनहोनी चमत्कारिक कुंड के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां प्राकृतिक कारणों से वर्षभर पानी खोलता रहता है। बड़ी अनहोनी में मां ज्वाला देवी का दरबार हैं। माता की पूजा सैकड़ों वर्षो से इस स्थान पर हो रही है। श्री दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर भी यहां है। ग्रामीणों ने यहां पर कुंड के पास अनहोनी माता तथा हनुमान मंदिर स्थापित किया है। इस मंदिर की प्रसिद्धी दूर-दराज तक फैली हुई है। यहां पेड़ के नीचे रखी प्रतिमाओं के दर्शन होते हैं। मंदिर के सामने गर्म पानी का कुंड हैं। इस कुंड के समीप भोलेनाथ की प्रतिमा हैं। बडी संख्या में श्रद्धालू यहां देवी माँ के दर्शन, पूजन और आशीष लेने आते हैं। साथ ही अपने रोगो से मुक्ति भी पाते हैं।
अनहोनी कुंड का चमत्कारिक पानी
अनहोनी माता मंदिर के गर्म पानी के कुंड की विशेषता मानी जाती है कि इस कुंड के गर्म पानी से जो भी चर्म रोगी स्नान कर लेता है, उसके चर्म रोग ठीक हो जाते हैं। अनहोनी अपने ऐसे ही चमत्कारिक कुंड के लिए प्रसिद्ध है। ऐसी मान्यता है कि कुंड के गर्म पानी में स्नान करने से फोड़े, फुंसी, दाद-खाज, खुजली आदि चर्म रोग दूर हो जाते है। यही वजह है कि यह अनहोनी कुंड दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। बड़ी संख्या में यहां वर्षभर लोगों का तांता लगा रहता हैं। सालभर हर मौसम में इस कुंड का पानी गर्म रहता है। प्राकृतिक गरम पानी के कुंड की इस खासियत से लोग हैरान भी हो जाते हैं। अनहोनी के इस प्राकृतिक गरम पानी के कुण्ड में देवीय चमत्कार और ओषधियाँ गुण दोनों मौजूद हैं।
मुख्य कुंड का पानी बहुत गर्म है इसलिए सुरक्षा के मद्देनजर इसे चारों और से बंद कर दिया गया है। इस कुंड में उबलते हुए पानी को देखा जा सकता है। इस कुंड से निकलने वाले पानी से स्नान करने के पश्चात मान्यता है कि चर्म रोगों से मुक्ति मिल जाती हैं। इस कुंड की एक खास बात यह भी है कि इसमें चावल डालने पर वह तुरंत ही पक जाते हैं।
स्थानीय लोग इसे देवी शक्ति बताते हैं। वहीं वैज्ञानिक कारण हैं कि इस स्थान पर जमीन के नीचे प्रचुर मात्रा में गंधक है इसलिए उबलता हुआ पानी निकलता है। यहां आकर आप प्रकृति के इस अनोखे नजारे को देख सकते हैं।
मुख्य कुंड से पानी निकल कर आगे जाता है, वहां स्नान करते हैं क्योंकि यहां तक आते-आते पानी की गर्माहट थोड़ी कम हो जाती है। यहां पर आप साबुन या शैंपू का उपयोग ना करें।
दूर-दूर से चर्म रोग से पीड़ित लोग पूरे परिवार सहित यहां आते हैं। भक्तों की भारी भीड़ इस स्थान पर रहती है। प्राकृतिक सौंदर्यता से भरपूर इस स्थान पर आसपास के जिलों सहित आसपास के प्रदेशों से भी लोग आते है। यह स्थान अब पर्यटन स्थल का रूप ले चुका है। यहां चारों तरफ हरे-भरे घने जंगल हैं। जिसके चलते यहां की खूबसूरती देखते ही बनती है। प्राकृतिक सौंदर्यता से भरपूर और सर्दी के मौसम में प्राकृतिक गरम पानी से नहाने की चाहत यहां हर किसी को खींच लाती है। यहां पर प्रतीक्षालय बना हुआ है और बैठने के लिए कुर्सियां लगी हुई है।
अनहोनी का इतिहास
ग्रामवासी बताते है कि यहां सालों पहले घना जंगल था। कोई यहां आता नहीं था। कई सालो पहले एक चरवाहा मवेशी चराते हुए यहां आया। प्यास लगने पर उसने यहां पानी पाया और जब पानी को छुआ तो गर्म पानी देख वह आश्चर्य में पड़ गया। जब उसने यह बात ग्राम वासियों को बताई तो ग्राम वासियों ने उसे माता का चमत्कार समझा और अनहोनी देवी की मूर्ति की स्थापना कर पूजन अर्चन किया। धीरे-धीरे यह स्थान प्रसिद्ध हो गया।
अनहोनी मेला
अनहोनी में मकर संक्रांति पर मेला लगता है। यह मेला 7 दिवसीय होता है। मेले में दूर-दूर से बड़ी संख्या में लोग आते हैं। मकर संक्रांति के दिन प्रात:काल से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते है। भक्त यहाँ बने कुण्ड में स्नान करते हैं। रोगों से मुक्ति की कामना करते है। ऐसी मान्यता है कि संक्रांति के दिन भगवान शंकर, माता पार्वती, और अन्होनी माता के दर्शन कर तिल के लड्डू व खिचड़ी का भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। इस दिन बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ इस स्थान में होती हैं।
अनहोनी में प्रकृति द्वारा निर्मित इस अद्भुत दृश्य को देख श्रद्धालु आश्चर्य में पड़ जाते हैं। यह स्थान कई वर्षों से आस्था का केंद्र बना हुआ है। अत्यधिक शांति का अनुभव इस स्थान पर होता है। यहां पर आप प्रकृति के नजदीक होते हैं।
परिसर में साफ-सफाई का भी ध्यान रखा गया है। परिसर में पूजन सामग्री की दुकानें मिल जाती है। साथ ही चाय-नाश्ते की दुकानें भी मिल जाती है। गाड़ियों की पार्किंग की भी व्यवस्था है।
अनहोनी गर्म कुंड से कुछ नजदीकी पर्यटन स्थल हैं तामिया छोटा महादेव, सप्तधारा, पातालकोट, चौरागढ़, जुन्नारदेव पहली पायरी, गुप्त महादेव, पंचमढ़ी, चौरागढ़, नागद्वारी।तामिया के रास्ते पंचमढ़ी जाने वाले पर्यटक इस स्थान पर जरूर जाते है तथा प्राकृति द्वारा निर्मित इस अद्भूत नजारे को देख आश्चर्य में पड़ जाते है।
कैसे पहुंचे अनहोनी
छिन्दवाड़ा से तामिया, झिरपा होते हुए अनहोनी जा सकते हैं। अनहोनी मटकुली से 19 किमी दूर स्थित हैं। अनहोनी चावलपानी मार्ग पर स्थित है। मुख्य मार्ग से लगभग पांच किमी अंदर वन्य क्षेत्र की सीमा में अनहोनी गर्म पानी कुंड है।
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रेल मार्ग
अनहोनी तक पहुंचने के लिए छिंदवाड़ा, परासिया, एवं जुन्नारदेव से रेल मार्ग द्वारा भी आया जा सकता है।
हवाई मार्ग
अनहोनी हवाई मार्ग से आने के लिए नागपुर या जबलपुर एयरपोर्ट नजदीक है। यहां से आप बस या टैक्सी से आ सकते हैंं।
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