महाकाल मंदिर छिंदवाड़ा | Mahakal Mandir Mokshdham Chhindwara

महाकाल मंदिर मोक्षधाम छिंदवाड़ा

Mahakal Mandir Chhindwara MP

महाकाल मंदिर छिंदवाड़ा | Mahakal Mandir Mokshdham Chhindwara
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    महाकाल मंदिर छिंदवाड़ा

    भगवान महाकाल मध्य प्रदेश के उज्जैन में विराजमान हैं, उनका ही एक रूप छिंदवाड़ा जिले के मोक्षधाम के ठीक सामने स्थित हैं। यह मंदिर महाकाल मंदिर मोक्षधाम नाम से प्रसिद्ध हैं। धीरे-धीरे इस मंदिर में बहुत अधिक जागृति आई और लोगों की मान्यताएं यहां पूरी होने लगी। जिससे लोगों में मंदिर के प्रति आस्था और विश्वास बढ़ गया। मंदिर के प्रति लोगों की अनूठी आस्था है। भगवान महाकाल का मंदिर लोगों की आस्था और विश्वास का केंद्र बना गया है। बड़ी संख्या में शिवभक्त रोजाना महाकाल के दर्शन करने आते हैं। यहां ताजा मुर्दे की भस्म से बाबा महाकाल की भस्म आरती की जाती है। साथ ही विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता हैं। प्रतिवर्ष श्रावण मास में, महाशिवरात्रि में और हर सोमवार को भजन कीर्तन, पूजन, अखंड रामायण, महा आरती होती हैं। यह कार्यक्रम बहुत भव्य और दिव्य होते है। आज यह स्थिति है कि हजारों की संख्या में भक्त सावन मास में और महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान महाकाल के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

    महाकाल मंदिर इतिहास

    मोक्षधाम के समीप मंदिर महाकाल मंदिर काफी प्राचीन है। लेकिन एक दशक पहले मंदिर को भव्य रूप दिया गया हैं। यहां भगवान शिव की प्रतिमा को विराजित किया गया हैं। महाकाल मंदिर में महाकाल का मूर्ति स्वरूप 1995 में स्थापित किया गया। मंदिर के समीप स्थित नागराज मंदिर लगभग 20 वर्षों पहले निर्मित किया गया और भैरवनाथ मंदिर को बने 10 से 12 साल हो गए हैं। सन 2006 में यहां ध्यान केंद्र का निर्माण हुआ।

    महाकाल मंदिर भस्‍म आरती

    उज्जैन की तर्ज पर छिन्‍दवाड़ा के मोक्षधाम के समीप स्थित महाकाल मंदिर में बाबा महाकाल की भस्मारती की जाती हैं। माना जाता है कि यह मध्यप्रदेश का दूसरा स्थान है, जहां पर ताजी मुर्दे की भस्म से बाबा महाकाल का अभिषेक और आरती होती है। भस्‍मी लाने के लिए विशेष पूजा की जाती है। बताया जाता है कि ऐसा कोई सोमवार अब तक खाली नहीं गया, जब मोक्षधाम में किसी का अंतिम संस्कार न किया गया हो, इसलिए बाबा की भस्म आरती में कभी खलल नहीं पड़ा। मुर्दे की राख लाने के लिए मंदिर समिति के सदस्य और पुजारी मोक्षधाम जाते हैं, और विशेष पूजा-अर्चना कर पोटली में राख लाते हैं। उसके बाद बाबा महाकाल की भस्म आरती की जाती है। भोलेनाथ का पंचामृत, बिल्व-पत्र और पुष्पों से अभिषेक के साथ  महाकाल का चिता की भस्म से अभिषेक देखने और उसमें शामिल होने का अलौकिक अवसर यहां हर शिवभक्त को प्राप्‍त होता है। शिवरात्रि में इसका महत्व और बढ़ जाता है। हर सोमवार को भस्मारती होती है। जिसमें बडी संख्‍या में भोले के भक्‍त शामिल हो पुण्‍य लाभ अर्जित करते हैं। महाशिवरात्रि पर्व पर रात को होने वाली भस्मारती में पूरा शहर महाकाल मंदिर में उमड़ता है। बड़ी संख्या में बाबा महाकाल के भक्‍तगण इसके साक्षी बनते हैं। यहां आरती के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जाती है। कई वर्षो से पूजा का यह विधान यहां सम्पन्न हो रहा है।

    महाशिवरात्रि

    मोक्षधाम स्थित महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर कई विशेष आयोजन होते हैं। इस दिन भगवान भोलेनाथ का विशेष श्रृंगार किया जाता हैं। महाशिवरात्रि पर्व पर प्रतिवर्ष विशेष अभिषेक, पूजन, महाआरती सहित कई अन्‍य आयोजन मंदिर समिति द्वारा किये जाते है। महाशिवरात्रि के अवसर प्रतिवर्ष महाकाल मंदिर में आकर्षक साज-सज्जा एवं प्रकाश व्यवस्था की जाती है। भगवान भोले का आर्शीवाद लेने के लिए मोक्षधाम स्थित महाकाल मंदिर में सुबह से देर शाम तक भक्तों का तांता लगा रहता हैं। बड़ी संख्या में श्रद्धालु गढ़ भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए महाकाल मंदिर पहुँचते हैं। महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर पूरे दिन जय भोले के उद्घोषों से गुंजायमान रहता हैं। मोक्षधाम स्थित महाकाल मंदिर में भगवान शंकर और उनकी सवारी नंदी और प्रेतों की टोलियों की सजीव झांकी और उनके नृत्य लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रहते हैं। विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है। बडी संख्‍या में श्रद्धालु इस महाप्रसाद को ग्रहण करते हैं। पातालेश्वर धाम से महाकाल मंदिर मोक्षधाम तक भक्तों का मेला देखते ही बनता हैं। साल भर यहां भक्तों का एक ऐसा हुजुम कभी नहीं होता जो महाशिवरात्रि पर होता है। महाशिवरात्रि पर भोले के प्रति भक्‍तों की आस्था और भक्ति देखते ही बनती हैं। इस दिन चार फाटक से पातालेश्‍वर तक और पातालेश्वर से महाकाल मंदिर तक भक्तों का मेला रहता हैं। भगवान शिव की आराधना के सबसे महत्वपूर्ण दिन महाशिवरात्रि पर्व पर जिले भर से आने वाले असंख्य शिवभक्त महाकाल के दर्शन कर पुण्‍य लाभ अर्जित करते हैं। शहर में शिवरात्रि पर होने वाले बड़े आयोजनों में यह स्थान भी प्रमुख रहता है।

    श्रावण मास

    मोक्षधाम स्थित महाकाल मंदिर में श्रावण मास में बाबा महाकाल के प्रतिदिन अलग-अलग श्रृंगार किये जाते हैं। महाकाल मंदिर में भगवान का विशेष श्रृंगार, पूजन व अभिषेक किया जाता हैं। भोलेनाथ का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक व अन्य अभिषेक किया जाता हैं। साथ ही धतूरा, बेलपत्र आदि चढ़ाकर भोलेनाथ को प्रसन्न किया जाता हैं। श्रावण मास में अखण्‍ड रामायण पाठ मंदिर में किया जाता हैं। पूरे सावन महीने भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता हैं। श्रावण मास में मनमहेश जी की पालकी यात्रा निकाली जाती है। जिसमें बड़ी संख्‍या में भोले के भक्‍त शामिल होते हैं।

    महाकाल मंदिर पालकी यात्रा

    श्री महाकाल मारुति नंदन सेवा समिति द्वारा हर वर्ष बाबा मन महेश की मनमोहक पालकी यात्रा निकाली जाती है। श्रावण मास में मोक्षधाम स्थित महाकाल मंदिर में श्रावण महिने में चल रहे धार्मिक अनुष्ठान्न एवं अखंड पाठ का शोभा यात्रा के साथ समापन किया जाता है। शोभा यात्रा महाकाल दरबार से नगर का भ्रमण कर पुनः मंदिर परिसर में आती हैं। सावन महिने के अंत में महाकाल राजा शहर के भ्रमण के लिए पालकी यात्रा में विराजित होकर निकलते हैं। पालकी यात्रा में डीजे, जय घोष, देसी बाजे, डमरू नाद, शंखनाद, नागदा नाद, और भोले के भक्त बड़ी संख्या में शामिल होते है। पालकी यात्रा महाकाल मंदिर मोक्षधाम से बड़ी माता मंदिर छोटी बाजार से बुधवारी, अनगढ़ हनुमान मंदिर, गोलगंज, पावरहाउस से होते हुए वापस महाकाल मंदिर पहुंचती है। मोक्षधाम स्थित महाकाल मंदिर में महादेव के दर्शन और पूजा अर्चना के लिए भक्‍त परिवार सहित पहुंचते हैं। भगवान शंकर और शिवगण विभिन्न वेशभूषा पहनकर इस यात्रा में शामिल होते हैं। हर-हर महादेव के नारों के साथ भोले के गीतों पर श्रद्धालु नाचते हुए नज़र आते हैं। इस पालकी यात्रा में बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी बड़ी संख्‍या में शामिल होकर पुण्‍य लाभ अर्जित करते हैं।

    महाकाल मंदिर छिंदवाड़ा | Mahakal Mandir Mokshdham Chhindwara

    भंडारा

    मोक्षधाम स्थित महाकाल मंदिर में प्रति सोमवार को आरती के पश्‍चात् और महाशिवरात्रि पर्व पर विशेष भंडारे का आयोजन किया जाता है। यह विशाल भंडारा कई वर्षों से निरंतर चला आ रहा है। श्रावण मास में अखंड रामायण के पश्चात् महाभंडारे का विशाल आयोजन किया जाता है। भैरव जयंती के उपलक्ष में भी यहां पर विशाल भंडारा, हवन पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि की सुबह से लेकर देर रात तक फलाहारी भंडारा आयोजित किया जाता है। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते है। यह भंडारा दिनभर चलता हैं। इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु भंडारे का लाभ लेते हैं।

    महाकाल मंदिर जीर्णोद्धार

    मोक्षधाम स्थित महाकाल मंदिर में भगवान महाकाल के नवीन स्वरूप की स्थापना किया जाना है। इसलिए मंदिर में निर्माण कार्य जारी है। भविष्य में बहुत ही विशाल, भव्य और दिव्य मंदिर यहां देखने के लिए मिलेगा। जिसके लिए जबलपुर भेड़ाघाट से शिवलिंग और नंदी संभवत: शिवरात्रि के आसपास आयेंगे। हवन, पूजन, यज्ञ द्वारा स्‍थापना की जाएगी। आने वाली महाशिवरात्रि में भक्तगण यहां इस भव्य और दिव्य विशाल मंदिर का दर्शन लाभ ले सकेंगे। मंदिर का जीर्णोद्धार श्री महाकाल मारुति नंदन सेवा समिति द्वारा किया जा रहा है।

    यहां पर एक ध्यान केंद्र भी बना हुआ है। इस ध्यान केंद्र के बनने के बाद कई अच्छे परिवर्तन इस स्थान पर हुए। मंदिर के समीप नागराज मंदिर, काल भैरव मंदिर भी हैं।

    महाकाल मंदिर छिंदवाड़ा | Mahakal Mandir Mokshdham Chhindwara

    Mahakal Mandir Chhindwara

    Category: Hindu Temple
    Address: Mahakal Mandir Mokshadham Chhindwara
    Pin: 480001
    City: Chhindwara
    State: Madhya Pradesh
    Country: India

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