जिलहरी घाट छिंदवाड़ा | Jilheri Ghat Chhindwara

जिलहरी घाट छिंदवाड़ा | Jilheri Ghat Chhindwara MP

जिलहरी घाट छिंदवाड़ा | Jilheri Ghat Chhindwara
जिलहरी घाट मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित है। यह छिन्‍दवाड़ा जिले का बहुत ही आर्कषक, रमणीय और खूबसूरत पर्यटन स्‍थल है। यदि आप एक दिन की पिकनिक का प्‍लान कर रहे है वो भी किसी प्राकृतिक स्‍थान पर तो जिलहरी घाट सर्वोत्तम स्थान हो सकता है। जिलहरी घाट में प्रतिदिन सैकड़ो की संख्‍या में पर्यटक आते हैं। यहां के प्राकृतिक दृश्य मन को मोह लेते है।

जंगलों के बीच से होता हुआ रास्ता जिलहरी घाट तक जाता है। चट्टानों का झरना और पानी के झरने को एक साथ देखने का अवसर जिलहरी घाट पर ही मिलता हैं। जब आप यहां आते हैं तब आप यहां की सुंदरता में खो जाते है। कुछ दूरी से ही बहुत सुंदर नजारे देखने को मिल जाते हैं।

जिलहरी घाट छिंदवाड़ा 

जिलहरी घाट जिले की दूसरी सबसे बड़ी नदी कन्हान नदी पर बना हुआ हैं। पत्थरों के बीच में से कन्हान नदी बहती है। यहां पर बहुत बड़े-बड़े पत्‍थर है। जब इन पत्‍थरों के बीच से होकर नदी बहती हुई आगे बढ़ती है, तब कल-कल करती पानी की मधुर ध्‍वनि मन को अत्यंत सुकून, सुख और आनन्‍दित करती है तथा शांति पहुंचाती है। यहां आकर नदी के बहाव को महसूस करना एक अलग ही आनंद प्रदान करता है।

थोड़े जंगली रास्‍तों के बीच से होते हुए जिलहरी घाट पहुंचा जाता हैं। जब आप जिलहरी घाट आते है तब सबसे पहले आपको माता मंदिर और शिव मंदिर के दर्शन होते हैं। यहां यज्ञ शाला भी बनी हुई हैं। यहां से नीचे की ओर नदी हैं। नीचे जाने के लिए सीढि़यां बनी हुई हैं। नीचे आते ही अद्भुत नजा़रा दिखाई देता हैं। आपको प्रकृति के बीच जंगली झरने के नजारे देखकर बेहद सुखद अनुभव प्राप्त होता है| ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच घने वृक्षों के जंगल के साए में बना झरना अत्यधिक प्राचीन, मनोरम व विहंगम दिखाई देता है| नदी में पानी कम होने पर चट्टानों के बीच कई छोटे झरने दिखते हैं। पत्थरों के विशाल संग्रह के बीच बना जलप्रपात विभिन्न आकार और रंगों में देखने को मिलता है। यहां पर पहुंचने के बाद लाखों वर्ष पुराने वातावरण का अनुभव किया जा सकता है। यहाँ पर मौजूद विशालकाय प्राचीन वृक्ष आपको प्राचीन काल का अहसास कराते रहते है|

जिलहरी घाट पहाड़ों, चट्टानों, हरियाली और प्रकृति की अपार सुंदरता से घिरा हुआ है। यहां पक्षियों की मधुर चहचहाती आवाज हरपल सुनाई देती है। जो हमें पर्यावरण के और करीब करती है। स्थानीय लोगों के अनुसार जंगली जानवर के भी देखे जाने की बात यदा-कदा सुनने को मिलती है।

बरसात के दिनों में यहां पर्याप्‍त पानी होता है। दिसंबर से पानी कम हो जाता हैं। यहां पानी साफ होता हैं। जिलहरी घाट में बहुत ही खूबसूरत चट्टाने हैं। इन चट्टानों पर बैठकर आप खूबसूरत समय व्यतीत कर सकते हैं। प्रकृति के बीच बीच यह स्थान शानदार है। नव वर्ष, त्‍योहारो और छुटि्टयों के दिनों में बड़ी संख्‍या में पर्यटक जिलहरी घाट का आनंद लेने के लिए पहुंचते है।

जिलहरी घाट फोटोग्राफी

जिलहरी घाट फोटोग्राफी करने वालो के लिए उपयुक्‍त स्‍थान है। पहाड़, हरियाली, वृक्ष, वन, नदी, जलप्रपात के कई सुंदर दृश्‍य यहां मिल जाते है। कई लोगों को यहां सेल्‍फी लेते, फोटोग्राफी करते देखा जा सकता है। हमारी आपको सलाह है कि फोटोग्राफी करते वक्‍त आप सावधान रहे। पानी से उचित दूरी बनाये रखें।

जिलहरी घाट पिकनिक 

एक दिवसीय पिकनिक के लिए, दोस्तों और परिवार के साथ वक्त बिताने के लिए  रमणीय प्राकृतिक दृश्य से परिपूर्ण जिलहरी घाट बहुत ही उपयुक्त और सुंदर पिकनिक स्पॉट है। प्राकृतिक नजारों से भरा हुआ होने के कारण इस स्थान पर पर्यटकों का आना लगा रहता है। आप यहां अपने परिवार के सदस्‍यों के साथ या दोस्‍तों के साथ आ सकते हैं और भरपूर एंजॉय कर सकते हैं। इस स्थान पर आकर आपको काफी प्रसन्नता मिलेंगी और बहुत शांति का अनुभव होगा। यहां आये तो चट्टानों पर संभलकर चलें। फिसलन हो सकती हैं। बच्‍चों का ध्‍यान रखें।

आप जब भी यहां पिकनिक मनाने आए तो अपने साथ खाने-पीने का सामान अवश्य लाएं, क्योंकि इस स्थान पर दुकाने नहीं है, या फिर आपको कुछ दूरी पर मोरडोंगरी खुर्द नामक स्थान से लेना पड़ेगा। आप चाहे तो यहां बना भी सकते हैं। इस पिकनिक स्पॉट का भरपूर आनंद लें परंतु गंदगी ना फैलाएं, प्राकृतिक सुंदरता को बनाए रखें।
आप जिलहरी घाट बाइक, कार या जो भी साधन आपके पास है, उससे आप आसानी से आ सकते हैं। वन क्षेत्र हमारे सफर को रोमांचित बनाता हैं।

अन्‍य पढ़े-

जिलहरी घाट की विभिन्‍न स्‍थानों से दूरी

आसानी से सुगम रास्तों से होते हुए जिलहरी घाट छिंदवाड़ा से लगभग 48 किलोमीटर दूर मोरडोंगरी खुर्द के पास स्थित है। यह मोरडोंगरी खुर्द से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
जिलहरी घाट परासिया से 32 किलोमीटर दूर स्थित है। 
जिलहरी घाट नागपुर से 144 किलोमीटर दूर स्थित है।
जिलहरी घाट पांढुर्णा से 118 किलोमीटर दूर स्थित है।

Reactions

Post a Comment

0 Comments