कालीबाड़ी मंदिर, धरमटेकड़ी, छिंदवाड़ा | Kalibaadi Temple, Dharam Tekri, Chhindwara

 कालीबाड़ी मंदिर, धरमटेकड़ी, छिंदवाड़ा | Kalibaadi Temple, Dharam Tekri, Chhindwara, Madhya Pradesh

कालीबाड़ी मंदिर काली माता को समर्पित है। यह मंदिर मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में स्थित एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। छिंदवाड़ा के सबसे ऊंचे स्थान धरमटेकडी़ पर बना कालीबाड़ी मंदिर बहुत ही भव्य और सुन्दर है।
कालीबाड़ी मंदिर, धरमटेकड़ी, छिंदवाड़ा | Kalibaadi Temple, Dharam Tekri, Chhindwara, Madhya Pradesh
कालीबाड़ी मंदिर के भव्य निर्माण हेतु कालीबाड़ी समिति धरमटेकड़ी का गठन कर सन् 2001 में भूमि क्रय की गयी। इसी भूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण किया गया। मंदिर का निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया है। माता काली का यह मंदिर अति सुंदर है। गर्भगृह में मां काली की मूर्ति विधिवत पूजन कर स्थापित की गई है। मंदिर निर्माण उपरांत मंदिर के गुंबद निर्माण एवं कलश स्थापना की गयी। मंदिर परिसर में भगवान शिव की मूर्ति की स्थापना भी की गई है। यहाँ स्थापित माँ काली की प्रतिमा उड़ीसा से लाई गई है।
मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है। मंदिर से शहर का नजारा अद्भुत लगता है। विभिन्‍न त्‍योहारों के अवसर पर मंदिर में सुंदर प्रकाश व्‍यवस्‍था की जाती हैं। मंदिर के गुंबदो को विभिन्‍न रगों की लाइट से सजाया जाता है, जो कि मंदिर की सुंदरता को और अधिक बढ़ा देता हैं। यह स्‍थान अत्‍यंत मनोरम और मन को असीम शांति प्रदान करता हैं।

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यह मंदिर बहुत सुंदर है। आप इस मंदिर में घूमने के लिए जा सकते हैं। इस मंदिर में  आकर आपको अच्छा लगेगा। मंदिर से सूर्योदय व सूर्यास्त के समय छिंदवाड़ा का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है जो मन मोह लेता है। इस मनमोहक दृश्य को लोग अपने कैमरों में कैद करते नजर आते हैं।

कालीबाड़ी मंदिर में सुबह एवं शाम को बंगाली पद्धति के अनुसार मां काली की आरती होती है। आरती के दौरान विशेष धुन में ढोल और कांसे बजते है। इनकी ध्वनि एक अलग ही आकर्षण और नया अनुभव प्रदान करती है। दूरस्थ क्षेत्रों में भी यह ध्वनि सुनाई देती है।
नवरात्रि, काली पूजा , दुर्गा पूजा, संक्रांति,  बसंत पंचमी जैसे विभिन्न त्योहार मंदिर में धूमधाम से मनाये जाते है। साल की दोनों नवरात्रों में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है। बड़ी संख्या में भक्त, मंदिर परिसर में ज्योति कलश की स्थापना करते हैं। सप्ताह के विशेष दिन मंगलवार और शनिवार को बड़ी संख्या में श्रद्धालु माँ काली के दर्शन के लिए मंदिर पहुचते हैं। इन अवसरों पर, बड़ी संख्या में माता के भक्त, पूजा के लिए मंदिर आते हैं।  रविवार एवं अन्य अवकाश के दिवस के साथ ही त्योहारों पर भी मंदिर में श्रद्धालुयो की संख्या अधिक होती है। इस मंदिर का निर्माण बंगाली समाज द्वारा जन सहयोग से करवाया गया है।

मंदिर के सामुदायिक हॉल में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। त्योहारों के दौरान विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन मंदिर समिति द्वारा किया जाता है। दैनिक पूजा, आरती, प्रसाद वितरण, स्वच्छता, रखरखाव, नवीनीकरण,  मंदिर संपत्ति की सुरक्षा, कानून व व्यवस्था का पालन एवं अनुशासन बनाए रखने का कार्य मंदिर समिति द्वारा किया जाता हैं।

काली बाड़ी सतपुड़ा की सुरम्य पहाड़ियों पर स्थित है। कान्हा, पेंच नेशनल पार्क, सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व, बालाजीपुरम, देवगड़ का किला जैसे कुछ प्रमुख पर्यटन स्थल यहाँ से कुछ दूरी पर ही स्थित हैं। आप जब भी यहाँ आये तो इन स्थानों पर भी घूमने जा सकते है।

कालीबाड़ी मंदिर  कैसे पहुंचे

नागपुर, जबलपुर और भोपाल होते हुए आप आसानी से रेल या सड़क मार्ग द्वारा कालीबाड़ी मंदिर आ सकते है। छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन और सिटी बस टर्मिनल दोनों ही मंदिर से 2 किलोमीटर दूर हैं। नागपुर और जबलपुर एयरपोर्ट नजदीकी एयरपोर्ट हैं। यहां से आप बस द्वारा छिन्‍दवाड़ा आकर कालीबाड़ी मंदिर जा सकते हैं।
कालीबाड़ी मंदिर  छिंदवाड़ा में सबसे प्रसिद्ध भगवान काली के मंदिर में से एक है। यह धरम टेकरी नामक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है।
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नागपुर से छिंदवाडा 126 किलोमीटर दूर स्थित है।
जबलपुर से छिंदवाडा 216 किलोमीटर दूर स्थित है।
भोपाल से छिंदवाडा 271 किलोमीटर दूर स्थित है।
तामिया से छिंदवाडा 56 किलोमीटर दूर स्थित है।
पचमढ़ी से छिंदवाडा 105 किलोमीटर दूर स्थित है।

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