पचमढ़ी में घूमने के प्रमुख स्थान | Top places to visit in Pachmarhi
Places to Visit in Pachmarhi
पचमढ़ी के दर्शनीय स्थल | Pachmarhi Tourist Places
भारत के मध्य प्रदेश राज्य में सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन पचमढ़ी हैं। यह स्थान मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित है। यह पर्यटकों के बीच अत्यंत लोकप्रिय पर्यटन स्थल हैं। यहां की प्राकृतिक खूबसूरती, दूर-दूर तक फैली हुयी पर्वतीय घाटियां, गुफायें, झरने और हरियाली पर्यटकों का मन मोह लेते है। यही पंचमढ़ी की खास पहचान है।
पचमढ़ी में प्राकृतिक झरने, सुंदर व्यू पॉइंट, शानदार झरने, मंदिर, वन्य जीवन, मीठे पानी की झील, जंगल, गुफा, पर्वत धाराओं और सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान जैसे कई खूबसूरत स्थान के साथ यह खूबसरत पिकनिक स्पॉट हैं। जानते है पचमढ़ी में घूमने के प्रमुख स्थान के बारे में।
अप्सरा विहार | Apsara Vihar Falls
अप्सरा विहार एक छोटा झरना है। जोकि लगभग 30 फीट ऊंचा है। इसका पानी एक तालाब में जमा होता है। यहां कल-कल करती जलधारा मन को बहुत सुकून पहुंचाती है। यहां प्रकृति की अपार सुंदरता के बीच कुछ समय बिताने पर सारी थकान दूर हो जाती है। इस स्थान पर पैदल मार्ग द्वारा ही पहुंचा जा सकता है। इसे पंचमढ़ी का सबसे सुन्दर ताल माना जाता है।
रजत प्रपात | Silver Fall
रजत प्रपात पचमढ़ी का सबसे बड़ा और खूबसूरत झरना है। जिसे सिल्वर फॉल्स के नाम से भी जाना जाता है। देखने में काफी आश्चर्यजनक है। रजत प्रपात की ऊंचाई 350 फीट हैं। इतनी ऊंचाई से गिरते इस झरने पर सूरज की रोशनी पड़ने पर यह चांदी की पट्टी जैसा दिखता है। इसलिए इसका नाम रजत प्रपात Silver Water fall पड़ा। पर्यटक इस नज़ारे को देखकर इसकी सुंदरता और प्राकृतिक वादियो में खो जाते है। प्राकृतिक रास्तो के बीच से गुजरते हुए झरने तक पहुंचने का मार्ग काफी दुर्गम हैं। ट्रैकिंग के माध्यम से झरने तक पहुंच सकते हैं।
बी फॉल | Bee Fall
बी फॉल पचमढ़ी के सबसे लोकप्रिय और प्रसिद्द झरनो में से हैं। यह हरी-भरी घाटियों की बीच में लगभग 35 मीटर की उंचाई से गिरता हुआ झरना है। जो बेहद सुंदर दिखता है और पर्यटकों का मन मोह लेता है। इसे पचमढ़ी में सबसे अच्छे पर्यटक आकर्षणों में से एक माना जाता है। वे यहां की प्राकृतिक सुंदरता का भरपूर आनंद उठाते है। बी फॉल को जमुना जलप्रपात के रूप में भी जाना जाता है। पथरीली घाटी के नीचे इस झरने का दृश्य देखते ही बनता है। इसके अलावा यहां नदियां, तालाब, चारो ओर पानी ही पानी दिखाई देता हैं। जो यहां आने वाले पर्यटको का आकर्षक का केंद्र है।
ज्यादातर पर्यटक पचमढ़ी आने पर बी फॉल में स्नान जरूर करते है। पर्यटकों के मनोरम दृश्य के अलावा, बी फॉल्स को पूरे पचमढ़ी में पानी की आपूर्ति के लिए भी जाना जाता है। यह पचमढ़ी से लगभग 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
हांड़ी खोह | Handi Khoh
विशाल पहाड़ियों और जंगलों से घिरा हांडी खोह पचमढ़ी का एक अन्य लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह एक वी-आकार की पंचमढ़ी की सबसे गहरी और तंग घाटी है जोकि 300 फीट गहरी है। यह दो विशाल पहाड़ियों द्वारा बनी है। बताया जाता है कि इस जगह पहले एक झील थी, जो दुर्भाग्य से एक विशाल सांप के प्रकोप से सूख गई, और ये किसी हांड़ी के जैसे दिखने लगा। तब से इस जगह को हांड़ी खोह के नाम से जाना जाने लगा। दोनों ओर घने जंगलों से घिरी इस घाटी के नीचे बहते पानी की स्पष्ट आवाज सुनी जा सकती है। यह भी कहा जाता है कि इस स्थान पर भगवान शिव ओर किसी राक्षस के बीच भयानक युद्ध हुआ था। प्रकति का एक ओर खूबसूरत दर्शनीय स्थल हांडी खोह बी फॉल के नज़दीक में ही है।
पांडव गुफाएं | Pandav Caves
बताया जाता है कि ये गुफाये द्वापर युग के समय की है। पौराणिक कथा के अनुसार, पांडव अपने अज्ञात बास के दौरान कुछ समय इन गुफाओ में ठहरे थे। जो आज भी पचमढ़ी में मौजूद है। इसी कारण यह पांडव गुफाओं के नाम से लोकप्रिय हैं। यहां एक सबसे साफ और हवादार गुफा है, जिसे द्रोपदी कुटी कहा जाता है। जबकि सबसे अंधेरी गुफा को भीम कोठरी के नाम से जानते है। लोग पचमढ़ी में इसे देखने के लिए दूर-दूर से आते है। ऐसा भी कहा जाता है पचमढ़ी का नाम इन्ही पांच गुफाओं के कारण ही पड़ा था। एक छोटी पहाड़ी पर यह पांच प्राचीन गुफाएं बनी हैं। इन्हीं पांच गुफाएं के कारण की इस स्थान को पंचमढ़ी कहा जाता है।
यह भी कहा जाता है कि इन गुफाओं में बौद्ध भिक्षुओं का निवास था। हालांकि, स्थानीय लोगों का मानना है कि गुफाएं तब भी मौजूद थीं जब पांडवों ने यहां शरण ली थी। गुफाओं में आवाज़ भी गूंजती है। पंचमढ़ी में पांडव गुफा में नीचे की ओर एक बगीचा है।
बड़ा महादेव | Bada Mahadev
देवो के देव महादेव को समर्पित इस मंदिर को पचमढ़ी का सबसे पुराना गुफा मंदिर कहा जाता है। बताया जाता है कि यहां पर भगवान विष्णु ने अप्सरा मोहनी के अवतार में भस्मासुर का वध किया था। यहां पर हमेशा श्रद्धालुओं की लम्बी कतरे लगी रहती है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 60 फिट लम्बे गुफा के रस्ते से होते हुए जाना पड़ता है। इस गुफा में हमेशा एक पतली पानी की धार बूँद-बूँद से टपकती रहती है। यह प्राकृतिक दृश्य देखते ही बनता है और यहां आये हुए पर्यटकों को लुभाता है। यह एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
गुप्त महादेव | Gupt Mahadev
गुप्त महादेव बड़ा महादेव गुफा मंदिर से थोड़ी दूरी पर स्थित है। यह भगवान शिव को समर्पित गुफा मंदिर है। यहां की गुफा 40 मीटर लंबी परन्तु संकरी है। गुफा का प्रवेश द्वार संकीर्ण होने के कारण एक बार में एक व्यक्ति ही प्रवेश कर पाता है। गुप्त महादेव पचमढ़ी में देखने के लिए शीर्ष स्थानों में शामिल है। यहाँ एक गुप्त गुफा है जिसे बंद कर दिया गया है। इस गुफा का रहस्य कोई नही जान पाया है। बताया जाता है कि इस गुफा के कारण ही इस स्थान का नाम गुप्त महादेव पड़ा।
प्रियदर्शनी पॉइंट | Priyadarshini Point
प्रियदर्शनी पॉइंट पचमढ़ी का काफी लोकप्रिय स्थान है। पचमढ़ी की प्राकृतिक खूबसूरती के दर्शन यहां होते हैं। यहां का व्यूपॉइंट सेल्फी और फोटोग्राफी के लिए बहुत अच्छा है। यहां आने वाले पर्यटक यहां की खूबसूरत यादों को अपने कैमरे में कैद करे बिना रह नहीं पातें। यहां कई ऐसे प्राकृतिक दृश्य है जो मन को मोह लेते हैं। इसका मूल नाम फोरसिथ प्वाइंट था लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर प्रियदर्शिनी प्वाइंट रख दिया गया। यहां से सूर्यास्त का नजारा बेहद मनमोहक लगता है। सतपुड़ा की तीन प्रमुख चोटियां चौरादेव, महादेव और धूपगढ़ को यहां से देखा जा सकता हैं। यहां के चारों ओर का दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
राजेंद्रगिरि सनसेट पॉइंट | Rajendragiri Sunset Point
राजेंद्रगिरि सनसेट पॉइंट भी पचमढ़ी की खूबसूरत जगहों में से एक है। यहां से सूर्यास्त का सुंदर नज़ारा देखने को मिलता है। इस खूबसूरती को कैमरे में कैद करे बिना आप रह नहीं पायेंगे। बताया जाता है कि भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ॰ राजेन्द्र प्रसाद के नाम पर ही इस पहाड़ी नाम रखा गया है। यहां की खूबसूरती ने उन्हे बहुत प्रभावित किया और वे कई बार यहां आये थे। सतपुड़ा की वादियों में घूमने और प्रकृति के बीच समय बिताने का मजा ही अलग होता है और मन को असीम शांति का अनुभव होता हैं।
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धूपगढ़ | Dhoopgarh
यदि आप पचमढ़ी जाये और आपने धूपगढ़ नहीं देखा तो समझो कुछ नहीं देखा। यह समद्र तल से 1352 मीटर (4229 फुट) की ऊंचाई पर स्थित सतपुड़ा पर्वतमाला का उच्चतम बिंदु है। सूर्योदय ओर सूर्यास्त के समय हल्की सूर्य की रौशनी में धूपगढ़ का दृश्य मनमोहक लगता है और यह प्रकृति की सबसे सुन्दर रचना को प्रस्तुत करता है। इस अद्भुत दृश्य के लिए धूपगढ़ जाना जाता है।
यहां जाये तो टैक्सी या जिप्सी लेकर ही जाये, साथ में गाइड भी मिल जाता है। जिससे आपको बहुत सी जानकारिया मिल जाती है और किसी प्रकार का रिस्क भी नहीं होता, क्योकि इस रास्ते में जंगली जानवर घूमते रहते है। पर्यटक सड़क मार्ग से इस स्थान पर पहुंच सकते हैं और यहाँ की सुंदरता देख सकते हैं। साथ ही अपने कैमरे मे कैद भी कर सकते हैं। यहां पर कैंटीन भी है, जहां पर्यटक आराम से बैठकर कुछ खा भी सकते है।
जटा शंकर गुफा | Jata Shankar Caves
पचमढ़ी के पास कई धार्मिक पर्यटन स्थल है। इनमे से एक प्रमुख जटा शंकर धाम है। कहते है की भष्मासुर नामक राक्षस से बचने के लिए भगवान शंकर ने इस स्थान पर खुद को छुपाया था। ऊंची-नीची पथरीली घाटियों से चलते हुए शैलानी जटाशंकर धाम पहुंचते है। यहां गुफा में एक प्राकृतिक शिवलिंग है और 100 सिर वाले शेषनाग वाली एक प्राकृतिक पथरीली संरचना है। यह विशालकाय चट्टान के नीचे बनी है। यह गुफा भगवान शिव के उलझी हुयी जटाओ की तरह दिखती हैं। जिसके कारण इसे जटा शंकर गुफा के नाम से जाना जाने लगा। यह स्थान भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है।
चौरागढ़ मंदिर | Chauragarh Temple
चौरागढ़ मंदिर उन धार्मिक स्थानों में से एक है जिन्हें आप पचमढ़ी की यात्रा के दौरान देख सकते हैं। यह पचमढ़ी के सबसे महत्वपूर्ण पर्यटक स्थलों में से एक है। यह स्थान ऊंचे पर्वत पर बसा हुआ है। जिसकी ऊंचाई लगभग 1330 मीटर है। चढ़ाई करके लोकप्रिय चौरागढ़ मंदिर पहुंचा जाता हैं। भोले की भक्ति में रमे होने पर यह मार्ग सरल लगता हैं। महाशिवरात्रि और नाग पंचमी के दौरान अनेक शिवभक्तों को हाथों में त्रिशूल के साथ भोले की भक्ति में सरावोर हो चढ़ाई करते देखा जाता है। भगवान शिव को त्रिशूल भेंट करने के लिए महाशिवरात्रि के समय बड़ी संख्या में भोले के भक्त चौरागढ़ जाते हैं। ऊपर पहाड़ी के शिखर पर सदियों पुराना भगवान शिव का मंदिर और कई त्रिशूल रखें हुए हैं। यहां भक्तों द्वारा त्रिशूल चढ़ाया जाता हैं। महादेव से 4 किलोमीटर की खड़ी चढा़ई करके चौरागढ़ पहुंचा जा सकता है।
डचेस फॉल | Duchess Falls
डचेस वाटर फॉल तीन अलग-अलग झरनो से मिलकर बनता है। यह आगे जाकर एक विशाल झरने का रूप ले लेता है। जंगलो के बीच बने रास्तों से होते हुए पर्यटक यहां पहुंचते है। 100 मीटर की ऊंचाई से गिरता यह सुंदर वॉटरफॉल एक अलग मजा देता है। फोटोग्राफी के लिए भी यह एक शानदार स्थान है। डचेस वाटरफॉल मुख्य सड़क से लगभग 4 किलोमीटर दूर स्थित है। इसलिए पर्यटक यहां आसानी से आ सकते हैं।
सतपुड़ा नेशनल पार्क | Satpura National Park
सतपुड़ा नेशनल पार्क सतपुड़ा पर्वतमाला से घिरा हुआ है। सतपुड़ा नेशनल पार्क मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले में पड़ता है। इसकी स्थापना सन् 1981 में की गई। सतपुड़ा राष्ट्रीय पार्क 524 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है। सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान पचमढ़ी में सबसे दिलचस्प और रोमांचक स्थानों में से एक है। जंगली जीवो को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने वाले इस नेशनल पार्क में कई प्रकार के जंगली जानवर देखने को मिल जायेंगे। यहां शेर, भालू, टाइगर, बाइसन, बाघ, हाथी, तेंदुआ, जिराफ और चार सींग वाले हिरन जैसे कई जंगली जानवर देखने को मिल जायेंगे। साथ ही यह अभ्यारण्य असंख्य दुर्लभ देशी और प्रवासी पक्षियों का निवास स्थान भी है। पार्क में सदाबहार साल, टीक और बांस के पेड़ों से भरपूर होने के कारण हरियाली छाये रहती है।
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पार्क में घूमने के लिए काफी अच्छी व्यवस्था की गयी है। जिप्सी द्वारा पार्क आसानी से घूमा जा सकता हैं। प्रकृति के बीच सफारी का आनंद ले सकते हैं। अगर आप जानवरो के शौक़ीन है तो फिर एक बार इस जगह जरूर जाये। पार्क के आसपास ठहरने की उत्तम व्यवस्था है।
पचमढ़ी झील | Panchmarhi Lake
पंचमढ़ी में घूमने के लिए बहुत से स्थान है। इनमें से एक है पचमढ़ी झील। पचमढ़ी झील में आप बोटिंग कर सकते हैं और इसका भरपूर आनंद ले सकते हैं। इसके पास हमारा पचमढ़ी लिखा हुआ दिख जायेगा। यहां पर एक सुंदर बगीचा भी बना हुआ हैं। गर्मी में झील में पानी कम होता हैं।
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